नई दिल्ली। पैन कार्ड एक ऐसा कार्ड है, जिस पर लिखे परमानेंट नंबर में हर तरह की जानकारी होती है। इन नंबरों में छुपी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए जरूरी होती है। इसको ध्यान में रखकर ही डिपार्टमेंट हर व्यक्ति को पैन कार्ड जारी करता है। हालांकि, यह जानकारी पैन कार्ड धारक को नहीं होती। मनी भास्करअपने रीडर्स को पैन कार्ड और पैन कार्ड पर छपे परमानेंट अकाउंट नंबर से जुड़ी पूरी जानकारी होती है। मनी भास्कर इस पैकेज में पैन कार्ड पर मौजूद नंबर का क्या मतलब होता है, यहां इसकी भी जानकारी दे रहा है।
अक्षरों में छुपा होता है सरनेम
पैन कार्ड पर कार्डधारक का नाम और डेट ऑफ बर्थ तो लिखी ही होती है, लेकिन पैन कार्ड के नंबर में आपका सरनेम भी छुपा होता है। पैन कार्ड का पांचवां डिजिट आपके सरनेम को दर्शाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कार्डधारक के सरनेम को ही अपने डाटा में दर्ज रखता है। इसलिए अकाउंट नंबर में भी उसकी जानकारी होती है। हालांकि, इस बात की जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट कार्डधारक को नहीं देता।
आइए जानते हैं पैन कार्ड में दिए गए हर नंबर का क्या होता है मतलब-
टैक्स से लेकर क्रेडिट कार्ड तक होती है निगरानी
पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लेमिनेटेड कार्ड के रूप में आता है। इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों को इश्यू करता है, जो पैन कार्ड के लिए अर्जी देते हैं। पैन कार्ड बन जाने के बाद उस व्यक्ति के सारे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन डिपार्टमेंट के पैन कार्ड से लिंक्ड हो जाते हैं। इनमें टैक्स पेमेंट, क्रेडिट कार्ड से होने वाले फाइनेंशियल लेन-देन सभी कुछ डिपार्टमेंट की निगरानी में रहते हैं।
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नोटः तस्वीरों का इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
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