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Thursday, 17 September 2015

PM मोदी से जुड़ी वो पांच बातें जो आप जरूर जानना चाहेंगे


PM मोदी से जुड़ी वो पांच बातें जो आप जरूर जानना चाहेंगे
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 65 वर्ष के हो गए और उनके जन्मदिन के अवसर पर राजनीति के क्षेत्र से जुड़े कई नेताओं ने उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं लंबी आयु की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी एक अच्छे वक्ता के साथ कई गुणों के धनी है। वह बिना किसी सहायता के लंबे समय तक भाषण देने की क्षमता रखते हैं। पेश हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में वो पांच बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे और जरूर जानना चाहेंगे।
कवि
पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि वह एक कवि भी हैं। उन्हें कविताओं से गहरा प्रेम हैं। उनकी एक कविता संग्रह 'साक्षी भव' भी प्रकाशित हुई है जिसमें 19 कविताएं है।
किताबों के शौकीन
पीएम नरेंद्र मोदी किताबों के शौकीन हैं। वह फुर्सत निकालकर हमेशा अपने शौक से जुड़ी किताबें पढ़ते हैं। गौर हो कि 4 सितंबर को शिक्षक दिवस के कार्यक्रम के मौके पर एक किताब का जिक्र किया था- पोलीएना। उन्होंने कहा था-' बहुत बार खुद से ज्यादा औरों की घटनाओं से प्रेरणा मिलती है। लेकिन उसके लिए हमें खुद को उस तरह बनाना होगा कि दूसरों से सीख सकें। आप लोग एक पोलीएना नामक किताब पढ़िएगा, 70-80 पन्नों की इस किताब में एक बच्ची का किरदार है। उसके मन में एक ही विचार रहता है कि हर चीज में से अच्छी बात कैसे निकाली जा सकती है।'
कठिन परिश्रम एवं कार्य प्रतिबद्धता
नरेंद्र मोदी के नींद से जुड़ी कई बातें मीडिया में आती है। उनके बारे में यह कहा जाता है कि वह रोजाना 17 से 18 घंटे काम करते हैं। एक बार खुद प्रधानमंत्री ने गूगल हैंगआउट के सेशन में यह बात कही थी कि वह रोजाना सिर्फ 3.5 से 4 घंटे ही सोते हैं जो उनके लिए पर्याप्त होता है।  
ट्वीटर पर जलवा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। ट्वीटर पर मोदी बेहद लोकप्रिय हैं और लोकप्रियता के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद दूसरे स्थान पर हैं। ट्वीटर पर उनके 64 मिलियन फॉलोवर्स है।
उत्साही यात्री
पीएम मोदी की यात्रा को लेकर काफी रूचि है। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह अबतक 27 विदेश यात्रा कर चुके हैं और अगले साल वह दुनिया के 10 देशों की यात्रा करनेवाले हैं।  
'संन्यासी बनना चाहते थे'
प्रधानमंत्री बचपन में संन्यासी बनना चाहते थे। वह इसके लिए रामकृष्ण मिशन आश्रम से भी जुड़े। वह पूरे जीवन आध्यात्म, दर्शन, योग और आयुर्वेद से जुड़े रहे। उनके भाषणों में आध्यात्म और दर्शन साफ झलकता है।  

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